सूरत. गुजरात में सूरत की एक दिव्यांग महिला की कहानी मेहनत करने वाले लोगों के लिए प्रेरणा बन सकती है। यहां 35 वर्षीय अंकिता शाह, जिन्हें बचपन में पोलियो हो गया था और एक टांग कटवानी पड़ी थी। वही अंकिता ऑटो रिक्शा चलाकर अपने कैंसर पीड़ित पिता का इलाज करा रही हैं। पिछले 6 महीनों से वह ऑटो रिक्शा चला रही हैं, ऐसा करने वाली वो अहमदाबाद की शायद पहली दिव्यांग महिला हैं।
अंकिता शाह बताती हैं कि, हम मूलत: सूरत के रहने वाले हैं। बचपन में पोलियो की वजह से मेरा दायां पैर काटना पड़ा था। मैं इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएट हुई। अपने पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी हूं। मैं अहमदाबाद 2012 में आई, जहां एक कॉल सेंटर में नौकरी शुरू की।