पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों को जिसने समाचार पत्र पढ़ना सिखाया उस अखबार का नाम है आज आज के संस्थापक और संपादक सर शिव प्रसाद गुप्त जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और वाराणसी में महात्मा गांधी के आश्रय दाता भी थे उनके संस्थापन में उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को हिंदी का समाचार पत्र पढ़ाने का श्रेय शिव प्रसाद गुप्त हो जाता है श्री गुप्त ने जहां स्वतंत्र संग्राम में भाग लिया वहीं आज अखबार को निर्भय निर्भय को निष्पक्ष समाचार पत्र बनाने में महती भूमिका अदा की श्री गुप्त द्वारा स्थापित है समाचार पत्र आज देश का पहला समाचार पत्र है जिसने हिंदी के समाचार पत्रों में 100 वर्ष पूरा किया है आज के पहले हिंदी समाचार पत्रों की नियति थी पैदा होना और मर जाना लेकिन आज नहीं अपना 100 वर्ष का कार्यकाल पूरा करके एक मील का पत्थर साबित कर दिया है जहां आज अखबारों में कारपोरेट घराने हावी हैं जहां अखबारों के मुंह में रूपए अटके भर दिया जा रहा है ऐसे में किसी भी सत्ता के सामने दैनिक आज ने घुटने नहीं टेके आशय के विचार कल मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य राजेंद्र तिवारी ने पंडित अटल बिहारी वाजपेई प्रेक्षागृह में व्यक्त किए इस अवसर पर मंडलायुक्त श्री अनिल कुमार सागर उत्तर प्रदेश ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री देवी प्रसाद गुप्त साहित्यकार रामनरेश सिंह मंजिल सेनानी कर्नल केसी मिश्रा कारगिल और चीन की लड़ाई में शहीद विधवाओं की पत्नियां माताएं व बेटियां सहित सहित अन्य लोग चले थे कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय आज के प्रभारी श्री जय प्रकाश उपाध्याय श्री बृहस्पति पांडेय श्री पंकज त्रिपाठी ने किया
आज अखबार का शताब्दी समारोह सम्पन्न